दिल्ली की नवनिर्वाचित सरकार को उस की जिम्मेदारी बताने से पहले पंजाब में अपनी जिम्मेदारी तैय करवाये आप नेता : तीक्ष्ण सूद कहा : तीन दिन पहले बनी सरकार पर महिलाओं को 2500 रुपए प्रति माह देने का दबाव डालने की बजाए भगवंत मान से 3 साल का हिसाब चुकता करवाया जाए।
होशियारपुर/ दलजीत अजनोहा
पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपनी शर्मनाक हार को पचा नहीं पा रही।27 साल बाद दिल्ली की जनता ने झूठी तथा मक्कार आम आदमी पार्टी की सरकार से छुटकारा पा कर पुनः भाजपा पर विश्वास व्यक्त करते हुए उसे दिल्ली की सत्ता सौंपी हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के इस फतवे को पचा नहीं पा रही। खुद झूठ के सहारे जिन्होंने 12 साल सरकार चलाई तथा अपना कोई वायदा पूरा नहीं किया। वही आम आदमी पार्टी के नेता नवनिर्वाचित भाजपा सरकार से एक-एक मिंट का हिसाब मांग रहे हैं। १२ साल तक उन्होंने यमुना की सफाई का कोई काम नहीं करवाया , गरीबों के इलाज के लिए चलाई गई आयुष्मान योजना को लागू नहीं किया , भ्रष्टाचार को हटाने का वायदा करके आई सरकार खुद भ्रष्टाचार में डूब गई, जन लोकपाल कानून भी लागू नहीं किया वही लोग नई सरकार के बंनने के 3 दिन बाद ही मांग करने लगे हैं कि महिलाओं के साथ 2500 रुपए महीना देने का जो वायदा किया था वह पूरा करे। जहां तक कि इस वायदे को पूरा करवाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री आतिषी ने वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलने का समय भी मांग लिया हैं। जहां इन बातों से आम आदमी पार्टी के नेताओं में हार की बोखलाहट स्पष्ट नजर आती हैं वही उनके आगे पंजाब में उन की सरकार द्वारा की गई वायदा खिलाफी भी ऊभर कर सामने आती हैं। इस मौके पर श्री तीक्ष्ण सूद के साथ उपस्थित भाजपा नेताओं विजय पठानिया, यशपाल शर्मा, राज कुमार, मोहित कैंथ ने कहा कि पंजाब में पिछले तीन साल से अपने वायदे अनुसार आम आदमी पार्टी की सरक़ार द्वारा पंजाब की सभी महिलाओं को सरकार बनते ही 1000 रुपए प्रति महीना दिए बिना ही आम आदमी पार्टी नेताओं को नई चुनी दिल्ली सरकार से तीन दिन बाद ही ऐसी मांग के लिए दबाव डालने पर शर्म आनी चाहिए। जब तक आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब की सभी महिलाओं को 35000 /- रुपए उनके खाते में नहीं डालती तथा भविष्य में 1000 रुपए प्रति महीना नहीं देती तो उसे दिल्ली सरकार के पास ऐसी मांग रखने का कोई नैतिक हक नहीं हैं। दिल्ली के आप नेताओं के इस काम ने पंजाब की विपक्षी पार्टियों का काम आसान कर दिया।
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