श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत को समर्पित * गुरुद्वारा श्री हर जी सहाय में शहीदी समारोह का आयोजन * मीरी पीरी सेवा सिमरन क्लब होशियारपुर के चेयरमैन सरबजीत सिंह बडवाल ने अंगदान का संकल्प भरा


होशियारपुर/दलजीत अज्नोहा 
नौवें गुरु, धन धन साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज, भाई मति दास जी, भाई सती दास जी, भाई दयाला जी की 350वीं शहादत को समर्पित गुरुद्वारा श्री हर जी सहाय मोहल्ला टिब्बा साहिब होशियारपुर में शहीदी गुरमत समारोह का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी, मीरी पीरी सेवा सिमरन क्लब होशियारपुर, श्री सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी और पूरी संगत के सहयोग से आयोजित इस शहीदी समारोह के दौरान, चार श्री सहज पाठ साहिब जी का भोग डाला गया और पूरी संगत ने मिलकर 'सलोक मोहल्ला नौवें के' का जाप किया। इसके बाद भाई राम सिंह तख्त श्री केसगढ़ साहिब श्री आनंदपुर साहिब, भाई सतिंदर सिंह आलम, ज्ञानी जसविंदर सिंह परमार के जत्थे ने धुर की बाणी का विविध कीर्तन किया और श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज भाई मति दास जी भाई सती दास जी और भाई दयाला जी की शहादत से जुड़े गुरमत विचार साझा करते हुए संगत से दया, धर्म और वाहेगुरु नाम सिमरन को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।इस मौके पर आई डोनेशन एसोसिएशन होशियारपुर के प्रेसिडेंट प्रोफेसर बहादुर सिंह सुनेत ने 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित शुरू किए गए मानव अंग दान अभियान के बारे में जानकारी दी और कहा कि आंख और खून दान के अलावा इंसानी शरीर के कीमती अंग दान करके कई इंसानों की जान बचाई जा सकती है। इसलिए उन्होंने सभी संगत से अपील की कि वे अपने शरीर के अंग दान करने का संकल्प पत्र भरें। इससे प्रेरणा लेते हुए मीरी पीरी सेवा सिमरन क्लब होशियारपुर के चेयरमैन सरबजीत सिंह बडवाल, प्रिंस. बलबीर सिंह सैनी जनरल सेक्रेटरी, गुरबिंदर सिंह पलाहा, मनजीत कौर पलाहा, नवदीप कौर बिलखू, अनु चावला ने अपने शरीर के अंग दान करने का संकल्प पत्र भरा। इस मौके पर ज्ञानी जसविंदर सिंह परमार ने संगत का धन्यवाद किया और कहा कि शहीदी शताब्दी को समर्पित चल रहे नाम सिमरन अभ्यासों की सीरीज में शामिल होने वाली संगत को श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद सीस मार्ग पर गुरुद्वारों के दर्शन करवाए जाएंगे। मंच का संचालन गुरबिंदर सिंह पलाहा ने किया। इस मौके पर हरजीत सिंह नांगल प्रेसिडेंट भाई घनैया जी निष्काम सेवक सभा हरियाणा, अवतार सिंह संधू, हरबंस सिंह सैब, अवतार सिंह हेड ग्रंथी, सतपाल सिंह भोगल, हरपाल सिंह भिंडर, हरबख्शपाल सिंह, कुलविंदर कौर परमार, हरदीप कौर निजर, नवदीप कौर बिल्खू, अमरीक सिंह, महिंदर सिंह कुवैत, जसपाल सिंह कलसी समेत बड़ी संख्या में संगत मौजूद थी। इस दौरान गुरु का लंगर लगातार चलता रहा।

Comments