G94 वर्षीय सेवानिवृत बीपीईओ किशोर चंद के देहांत के बाद उनके पारिवारिक सदस्यों ने उनका पार्थिव शरीर पीजीआई को किया सपुर्द
होशियारपुर/दलजीत अज्नोहा
गढ़शंकर के 94 वर्षीय सेवानिवृत बीपीईओ किशोर चंद के देहांत के बाद उनके पारिवारिक सदस्यों ने पीजीआई, चंडीगढ़ के लिए उनका पार्थिव शरीर बॉडी डोनेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. तरसेम सिंह व रोटरी आई व कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी के सदस्यों के सपुर्द कर दी है।
गढ़शंकर के वार्ड नंबर तेरह के निवासी सेवानिवृत बीपीईओ किशोर चंद के बेटे प्रिंसिपल जगदीश राय व एसडीओ बलविंदर सिंह ने बताया कि पिता किशोर चंद ने 2006 में बॉडी डोनेशन की वसीयत बनाई थी और उनके देहांत के बाद आज पीजीआई के लिए उनका पार्थिव शरीर पीजीआई के लिए भेज दिया है।
बॉडी डोनेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. तरसेम सिंह ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति ने जीवनकाल में अपने शरीर को दान करने की वसीयत की हो, तो उनके परिवार को उनके मृत्यु के बाद शव को 3-5 घंटे के भीतर सबंधित अस्पताल के एनाटॉमी विभाग में पहुंचाना होता है। उन्हीनों बताया कि पार्थिव शरीर का उपयोग मुख्य रूप से चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए किया जाता है, जैसे कि शारीरिक रचना विभाग में, और गंभीर रूप से जले हुए रोगियों के इलाज के लिए त्वचा का दान भी स्वीकार किया जाता है। दान किए गए शरीर शरीर रचना विज्ञान, चिकित्सा और दंत चिकित्सा छात्रों के लिए शिक्षण उद्देश्यों को पूरा करते हैं और विभिन्न चिकित्सा अनुसंधान प्रयासों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। डॉ. तरसेम सिंह लोगो से आपने जीवनकाल में आखों के दान करने और बॉडी डोनेशन की वसीयत बनाने के लिए आगे आने को कहा ताकि मरणोपरांत उनकी आखें किसी की जिंदगी रोशन कर सके और उनका शरीर के अंग किसी को नई जिंदगी दे सके और नई रिसर्च के काम आ सके।
इस दौरान रोटरी आई व कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी, गढ़शंकर यूनिट के प्रधान लखविंदर कुमार , केशियर राजन मल्हन , सचिव ओंकार सिंह चाहलपुरी , जनरल सेक्रेटरी हरिकिशन गंगड़ ने मृतक किशोर चंद के पारिवारिक सदस्यों के इस समाज भलाई के काम के लिए और मृतक किशोर चंद की इच्छा मुताबिक पार्थिव शरीर पीजीआई को देने की सराहना की।
होशियारपुर/दलजीत अज्नोहा
गढ़शंकर के 94 वर्षीय सेवानिवृत बीपीईओ किशोर चंद के देहांत के बाद उनके पारिवारिक सदस्यों ने पीजीआई, चंडीगढ़ के लिए उनका पार्थिव शरीर बॉडी डोनेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. तरसेम सिंह व रोटरी आई व कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी के सदस्यों के सपुर्द कर दी है।
गढ़शंकर के वार्ड नंबर तेरह के निवासी सेवानिवृत बीपीईओ किशोर चंद के बेटे प्रिंसिपल जगदीश राय व एसडीओ बलविंदर सिंह ने बताया कि पिता किशोर चंद ने 2006 में बॉडी डोनेशन की वसीयत बनाई थी और उनके देहांत के बाद आज पीजीआई के लिए उनका पार्थिव शरीर पीजीआई के लिए भेज दिया है।
बॉडी डोनेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. तरसेम सिंह ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति ने जीवनकाल में अपने शरीर को दान करने की वसीयत की हो, तो उनके परिवार को उनके मृत्यु के बाद शव को 3-5 घंटे के भीतर सबंधित अस्पताल के एनाटॉमी विभाग में पहुंचाना होता है। उन्हीनों बताया कि पार्थिव शरीर का उपयोग मुख्य रूप से चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए किया जाता है, जैसे कि शारीरिक रचना विभाग में, और गंभीर रूप से जले हुए रोगियों के इलाज के लिए त्वचा का दान भी स्वीकार किया जाता है। दान किए गए शरीर शरीर रचना विज्ञान, चिकित्सा और दंत चिकित्सा छात्रों के लिए शिक्षण उद्देश्यों को पूरा करते हैं और विभिन्न चिकित्सा अनुसंधान प्रयासों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। डॉ. तरसेम सिंह लोगो से आपने जीवनकाल में आखों के दान करने और बॉडी डोनेशन की वसीयत बनाने के लिए आगे आने को कहा ताकि मरणोपरांत उनकी आखें किसी की जिंदगी रोशन कर सके और उनका शरीर के अंग किसी को नई जिंदगी दे सके और नई रिसर्च के काम आ सके।
इस दौरान रोटरी आई व कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी, गढ़शंकर यूनिट के प्रधान लखविंदर कुमार , केशियर राजन मल्हन , सचिव ओंकार सिंह चाहलपुरी , जनरल सेक्रेटरी हरिकिशन गंगड़ ने मृतक किशोर चंद के पारिवारिक सदस्यों के इस समाज भलाई के काम के लिए और मृतक किशोर चंद की इच्छा मुताबिक पार्थिव शरीर पीजीआई को देने की सराहना की।

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