पराली को आग लगाए जाने की घटना से पहले ही रोकथाम के लिए उठाए जाएं ठोस कदम: आशिका जैन - पराली प्रबंधन को लेकर डिप्टी कमिश्नर ने की अहम बैठक - गांव स्तर पर सरपंच, नंबरदार और चौकीदारों की मदद से निगरानी बढ़ाने पर जोर - किसानों को पराली न जलाने व मशीनरी का अधिकतम उपयोग करने की अपील की
होशियारपुर/दलजीत अज्नोहा
जिले में पराली प्रबंधन को सुचारू ढंग से लागू करने के उद्देश्य से डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में विभिन्न कृषि व प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली को आग लगाए जाने की किसी भी घटना से पहले ही रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर मौजूद सरपंच, नंबरदार और चौकीदारों की मदद से खेतों में धान की कटाई वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली जाए और वहां किसानों के साथ मिलकर पराली प्रबंधन के उचित उपाय किए जाएं। डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन हेतु आवश्यक मशीनरी उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए और यदि किसी किसान को इस संबंध में कोई कठिनाई आती है, तो संबंधित गांव के नोडल अधिकारी द्वारा तुरंत समाधान किया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि हर संभव प्रयास से पराली का निपटारा किया जाए ताकि जिले में किसी भी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न न हो। डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने किसानों से अपील की कि वे खेतों में पराली को आग न लगाएं, बल्कि इसके समुचित प्रबंधन के लिए अपने क्षेत्र में नियुक्त नोडल अधिकारियों या कृषि विभाग के प्रतिनिधियों से संपर्क करें।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध करवाई है, अतः किसान इसका अधिकतम उपयोग करें ताकि पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहे।

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