भगवान राम को अश्रुधारा के साथ अयोध्या वासियों ने वनवास के लिए दी विदाई



होशियारपुर /दलजीत अजनोहा 
 श्री राम लीला कमेटी की तरफ से करवाए जा रहे उत्तर भारत के प्रसिद्ध दशहरा महोत्सव के दौरान श्री राम लीला के मंचन में श्री राम को वनवास यात्रा का मंचन किया गया। श्री सनातन धर्म सभा से वनवास यात्रा का शुभारंभ किया गया, जोकि विभिन्न बाजारों से होते हुए श्री राम लीला मैदान में पहुंची। इस दौरान दिखाया गया कि पिता के आदेश पर जब भगवान राम अयोध्या से वनवास के लिए जाने लगते हैं तो माता सीता एवं भ्राता लक्ष्मण भी उनके साथ जाने को तैयार हो जाते हैं। भगवान के समझाने पर भी जब नहीं मानते तो भगवान उन्हें साथ चलने को कहते हैं। इस पर वह भी राजपाठ छोड़कर वनवास के लिए भगवान के पीछे चल पड़ते हैं। इस दौरान दिखाया गया कि जब भगवान वनवास के लिए निकलते हैं तो प्रजा की अश्रुधारा रुक नहीं रही थी। अयोध्या वासियों के लाख कहने पर भी श्री राम जब अपना निर्णय नहीं बदलते तथा पिता की आज्ञा का पालन करने की बात कहते हैं तो अयोध्या वासी उन्हें नम आंखों से विदाई देते हैं। श्री राम लीला में पेश किए गए इस दृश्य को देखकर उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखें भर आईं। भरत के समझाने और मनाने पर भी श्री राम जब अयोध्या नहीं लौटते तो भरत भगवान राम की चरणपादुकाएं लेकर अयोध्या चल देते हैं तथा वह प्रण करते हैं कि जब तक श्री राम लौट कर नहीं आते तब तक उनकी चरणपादुकाएं ही सिंहासन पर विराजमान रहेंगी। इस मौके पर प्रधान गोपी चंद कपूर, चेयरमैन शिव सूद, प्रदीप हांडा, संजीव ऐरी, डा. बुन्दुसार शुक्ला, राकेश सूरी, कमल वर्मा, हरीश आनंद, तरसेम मोदगिल, राजिंदर मोदगिल, राकेश डोगरा, कुणाल चतुरथ, भारत भूषण वर्मा, अश्वनी छोटा, पवन शर्मा, योगेश कुमरा, राकेश डोगरा, वरुण कैंथ, कपिल हांडा, अजय जैन, शिव जैन, कमलेश शर्मा, विकास कौशल, रमेश मेहता, सूरज शर्मा, राजन शर्मा, आशीष वर्मा, नरेश आनंद एवं कमल कैंथ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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