डीजीपी नरेश अरोड़ा ने अपने पुलिस सफर, पंजाब सरकार की मुहिमों और मानवाधिकार कार्यों पर रखी स्पष्ट राय


 चंडीगढ़/दलजीत अजनोहा 
पंजाब पुलिस हैडक्वार्टर, सेक्टर-9 चंडीगढ़ में विशेष बातचीत के दौरान पंजाब के स्पेशल डीजीपी नरेश अरोड़ा ने अपने पुलिस सफर, सरकार की प्राथमिकताओं और विभागीय कार्यशैली से जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा कीं। इस विशेष मुलाकात में उन्होंने एएसपी से डीजीपी तक की यात्रा, पंजाब सरकार की "युद्ध नशियां विरुद्ध" मुहिम, धान की खरीद और लिफ्टिंग की प्रक्रिया, तथा मानवाधिकारों से जुड़े कार्यों पर विस्तार से चर्चा की।
डीजीपी अरोड़ा ने अपने लंबे पुलिस करियर को याद करते हुए कहा कि पुलिस सेवा एक चुनौतीपूर्ण लेकिन समाज की भलाई के लिए बेहद संतोषजनक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने एएसपी के पद से शुरुआत की और विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए आज डीजीपी के रूप में सेवा दे रहे हैं। इस सफर में उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हर कदम पर सेवा, अनुशासन और निष्ठा को प्राथमिकता दी।
"युद्ध नशियां विरुद्ध" मुहिम को लेकर उन्होंने कहा कि यह पंजाब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पंजाब पुलिस पूरी मजबूती से इस अभियान को आगे बढ़ा रही है। नशे की सप्लाई चेन को तोड़ना, तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करना और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जन-जागरूकता फैलाना इस मुहिम के प्रमुख उद्देश्य हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि समाज के सहयोग से पंजाब को नशामुक्त बनाने का लक्ष्य जल्द ही साकार होगा।
मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर कार्रवाई कानून के दायरे में और पारदर्शी ढंग से हो। किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन न हो, इसके लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग ने इस दिशा में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं ताकि पुलिस और जनता के बीच विश्वास और मजबूत हो सके।

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