जिला प्रशासन हर वक्त सतर्क, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुख्ता प्रबंधः डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन - डिप्टी कमिश्नर ने विधायक टांडा की मौजूदगी में रड़ा मंड, मियाणी मंड व गांव अबदुल्लापुर का लिया जाएगा - मुकेरियां के गांव मोतला, मेहताबपुर पहुंचकर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की - कहा, मुख्यमंत्री फोन पर स्थिति पर बनाए हुए हैं नजर, राहत व बचाव कार्यों में कोई कमी न छोड़ने के हैं स्पष्ट निर्देश
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
जिला प्रशासन होशियारपुर की ओर से बाढ़ जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए पुख्ता और प्रभावी प्रबंध किए गए हैं। डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने आज टांडा, दसूहा और मुकेरियां के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिला प्रशासन 24 घंटे सतर्क है और प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सबसे पहले उन्होंने विधायक टांडा की मौजूदगी में उन्होंने रड़ा मंड, मियाणी मंड, गांव अबदुल्लापुर व ब्यास किनारे बने धुस्सी बांध का का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने मुकेरियां के गांव मोतला व मेहताबपुर का भी निरीक्षण किया।
इस मौके पर एस.एस.पी संदीप कुमार मलिक, ए.डी.सी (ग्रामीण विकास) निकास कुमार तथा ड्रेनेज, स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
विधायक उड़मुड़ टांडा जसवीर सिंह राजा गिल ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर निगरानी कर रहे हैं और सरकार की ओर से सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा पर किसी का नियंत्रण नहीं होता, लेकिन पंजाब सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी नागरिक को असुविधा न हो और राहत सामग्री समय पर पहुंचे।
डिप्टी कमिश्नर ने रड़ा मंड, मियाणी मंड, गांव अबदुल्लापुर व ब्यास दरिया किनारे बने धुस्सी बांधों का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को हर स्तर पर तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड व प्रदेश स्तर पर ड्रेनेज विभाग के साथ निरंतर तालमेल बनाया गया है ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान ने स्वयं फोन पर जिले की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली है और यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राहत व बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिला प्रशासन ने पहले ही दवाई, तिरपाल, नाव, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित कर लिया है। उप मंडलों में एसडीएमज के नेतृत्व में ड्रेनेज, स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य विभागों की टीमें दिन-रात कार्य कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ से भी तालमेल स्थापित है, और आवश्यकता पड़ते ही उनकी टीमें तत्काल मौके पर पहुंचेंगी। वर्तमान में प्रशासन के पास 11 बोट हैं, जिनमें 5 टांडा व दसूहा, 4 मुकेरियां में और 2 जिला मुख्यालय पर रिजर्व रखी गई हैं, ताकि आपात स्थिति में कहीं भी भेजी जा सकें।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और जिले में हो रही भारी बरसात के कारण पौंग डैम से नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। इस पर प्रशासन की लगातार नजर बनी हुई है और धुस्सी बांधों की मजबूती के लिए नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने जिला निवासियों से अपील करते हुए कहा कि वे नदी, नहर, चोअ, डैम आदि से दूरी बनाकर रखें क्योंकि भारी बरसात के चलते इनमें पानी का स्तर ज्यादा होता है।
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