स्वास्थ्य विभाग 31 जुलाई तक तीव्र दस्त विरोधी अभियान चलाएगा इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दस्त से होने वाली मौतों को शून्य करना है: सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार


होशियारपुर/दलजीत अजनोहा 
गर्मी और बरसात के मौसम में शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए सावधानियां बरतना अनिवार्य है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग 31 जुलाई तक तीव्र दस्त विरोधी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत बुजुर्गों और छोटे बच्चों को इस मौसम में खान-पान का विशेष ध्यान रखने के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस अभियान का शुभारंभ जिले भर में सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग, सहायक सिविल सर्जन डॉ. डीपी सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. रणजीत सिंह, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, जिला अकाउंट्स अधिकारी गुरदीप सिंह, अधीक्षक दविंदर भट्टी और टीकाकरण सहायक नवप्रीत कौर के सहयोग से जागरूकता सामग्री जारी की गई।
इस अवसर पर जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि 31 जुलाई तक चलाए जा रहे तीव्र दस्त रोकू अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्करों द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा तथा छोटे बच्चों को ओआरएस के पैकेट वितरित किए जाएंगे। इस दौरान स्तनपान के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान आरबीएसके की टीमें तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों के बारे में जागरूक करेंगे। 
सिविल सर्जन ने बताया कि गर्मी व बरसात के मौसम तथा साफ-सफाई के अभाव के कारण वृद्धजनों तथा विशेषकर छोटे बच्चों (पांच वर्ष तक) को उल्टी-दस्त की समस्या हो जाती है। यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो यह विशेषकर बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दस्त से होने वाली मौतों को शून्य करना है। इस दौरान विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी। सभी स्वास्थ्य संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा स्कूलों में हाथ धोने की वैज्ञानिक विधि का प्रदर्शन किया जाएगा, क्योंकि दस्त को केवल हाथों की स्वच्छता से ही नियंत्रित किया जा सकता है। 
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग ने कहा कि यदि किसी बच्चे को दस्त लग जाए तो उसे तुरंत ओआरएस घोल देना चाहिए, जब तक दस्त बंद न हो जाए। दस्त बंद होने के बाद भी बच्चे को 14 दिन तक जिंक की गोलियां दें। अनावश्यक एंटीबायोटिक्स देने से भी बचना चाहिए। दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक से उपचार करने से बच्चा जल्दी ठीक हो जाता है। निर्जलीकरण से बचने के लिए नारियल पानी, लस्सी या अन्य तरल भोजन भी दिया जा सकता है। दस्त के उचित प्रबंधन के लिए एएनएम या आशा से संपर्क करना चाहिए। 
डॉ. सीमा गर्ग ने कहा कि यदि बच्चे में गंभीर लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाकर बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए ताकि समय रहते उचित उपचार हो सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस जिंक कॉर्नर भी स्थापित किए गए हैं, जहां ओआरएस घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा और प्रेरित किया जाएगा।

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