पंजाब की सबसे छोटी उम्र की लेखिका अगम प्रीत कौर की पहली किताब"More Than Enemies and Friends" का हुआ लोक अर्पण **सभ्याचार संभल सोसाइटी ने किया सम्मानित

होशियारपुर/दलजीत अजनोहा 
सभ्याचार संभाल सोसाइटी के सौजन्य से आज पंजाब की सबसे छोटी उम्र की लेखिका कक्षा नवमी की विद्यार्थी 15 साल की  अगम प्रीत कौर की किताब "More Than Enemies and Friends"  लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में लेखन के साथ जुड़े हुए बुद्धिजीवियों ने सबसे  छोटी उम्र की लेखिका अगम प्रीत कौर को उसकी पहली किताब के विमोचन पर बधाई दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने कहा कि लेखन एक बहुत ही प्रतिभाशाली कला है और जब इतनी छोटी उम्र की बच्ची समाज में पनप रही घटनाओं को सोच समझकर अपने शब्दों में बयान करती है तो वह किताब मात्र एक किताब ही नहीं रह जाती बल्कि ज्ञान का भंडार बन जाती है क्योंकि इसमें लिखा गया हर एक शब्द एक पवित्र आत्मा ने अपनी कलम से लिखा होता है। इस मौके समिति के प्रधान कलविंदर जांडा ने कहा की सोसाइटी हमेशा ही प्रतिभाशाली बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो भी समस्याएं आ रही हैं उसके समाधान के लिए समिति के सभी सदस्य सहयोग करने को तैयार है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजसेवी डॉ अजय बग्गा ने कहा आधुनिकता के इस युग में जब बच्चों के दिमाग पर सोशल मीडिया का बुरा प्रभाव पड़ रहा है उसे समय लेखिका अगम प्रीत कौर की किताब दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा बनकर आई है उन्होंने कहा मां बाप को चाहिए कि वह अपने बच्चों की प्रतिभा को पहचाने एवं उसे पूरा करने में सहायता करें।
कार्यक्रम में  राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध लेखक ड. धर्मपाल साहिल ने कहा कि जब एक किताब लिखी जाती है तो कुछ समय बाद उसे इतिहास के साथ जोड़ दिया जाता है क्योंकि यह किताब सदा के लिए अमर हो जाती है इसलिए लेखकों को अपने सामग्री में उन तत्वों को ही उजागर करना चाहिए जो सच्चाई को बयां करती हूं उन्होंने लेखिका को बधाई देते हुए कहा इतनी छोटी उम्र में लेखन जैसी कला पर कार्य कर समाज के लिए एक उत्तम किताब लिखकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया है।  कार्यक्रम को प्रसिद्ध समाजसेवी संजीव तलवाड , प्रोफेसर इंद्रजीत , प्रिंसिपल ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी संजीव तलवाड , प्रोफेसर इंद्रजीत,
प्रिंसिपल परविंदर सिंह, मलकीत सिंह जोहल, मोहनलाल कलसी , बलराज सिंह, रंजीव तलवार,  हरवंत सिंह कमल आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए

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