होशियारपुर /दलजीत अजनोहा
क्षेत्र के प्रमुख लेखक धर्मपाल साहिल के नए प्रकाशित उपन्यास 'खोरा' का विमोचन श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज माहिलपुर में आयोजित एक साहित्यिक समारोह में किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. परविंदर सिंह की ओर से स्वागत शब्द प्रस्तुत करते हुए कहा कि हर लेखक समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाता है और केवल अच्छा साहित्य ही समाज का मार्गदर्शक होता है। उन्होंने डॉ. साहिल को इस उपन्यास के प्रकाशन पर शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर बाल साहित्य लेखक बलजिंदर मान ने डॉ. साहिल के संपूर्ण साहित्य सृजन पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि धर्मपाल साहिल पंजाबी और हिंदी दोनों भाषाओं के पाठकों के पसंदीदा लेखक हैं। इस अवसर पर पंजाबी विभाग के प्रमुख डॉ. जे.बी. सेखों ने कहा कि धर्मपाल साहिल के उपन्यास कंडी क्षेत्र के बदलते सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य की यथार्थवादी तस्वीर पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि उपन्यास 'खोरा' कंडी क्षेत्र में आधुनिक जीवनशैली के कारण खत्म हो रहे मूल्यों की चिंता की अभिव्यक्ति भी है। इस अवसर पर पर्यावरणविद् विजय बबेली ने कंडी क्षेत्र के लोगों के जीवन को साहित्य में प्रस्तुत करने के लिए लेखक धर्मपाल साहिल को बधाई दी। इस अवसर पर लेखक रूपिंदर जोत सिंह और जगजीत सिंह गणेशपुर ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और कहा कि आज के सूचना एवं संचार युग में पुस्तकों का महत्व बढ़ गया है और अच्छी पुस्तकें मनुष्य की कल्पना और अनुभव को व्यापक बनाती हैं। इस अवसर पर डॉ. धर्मपाल साहिल ने अपने नए उपन्यास 'खोरा' की रचना प्रक्रिया पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि खालसा कॉलेज माहिलपुर में अपनी प्रत्येक पुस्तक पाठकों को समर्पित करते हुए उन्हें बहुत गर्व महसूस होता है। व्यवस्थापकों ने लेखक धर्मपाल साहिल को सम्मानित किया
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