पटाखा मुक्त और प्रदूषण मुक्त ग्रीन दिवाली मनाएं, आंखें हैं अनमोल, जरा सी लापरवाही से क्यों खोएं रोशनी: सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा

 होशियारपुर /दलजीत अजनोहा
पटाखा मुक्त दिवाली मनाने के लिए जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ​​द्वारा एक पोस्टर जारी किया गया। इस अवसर पर उनके साथ जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जतिंदर भाटिया, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनीता कटारिया, जिला एपिडेमियोलॉजस्ट डॉ. जगदीप सिंह और डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर उपस्थित थे।
डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ​​ने लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए और जागरूक करते हुए बिना प्रदूषण और पटाखों के ग्रीन दिवाली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि रोशनी का त्योहार कही जाने वाली दिवाली खुशी और खूबसूरत रोशनी के साथ मनाई जाती है और इसे पटाखों के बिना सुरक्षित तरीके से मनाना बहुत जरूरी है। क्योंकि पटाखों से निकलने वाला धुआं सांस और आंखों में जलन, अस्थमा और त्वचा रोग जैसी कई बीमारियों का कारण बनता है। तेज़ आवाज़ वाले पटाखों से अस्थायी या स्थायी रूप से सुनने की क्षति हो सकती है। दिवाली पर सांस की तकलीफ वाले मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। पटाखों से निकलने वाले धुएं और कचरे से पर्यावरण भी प्रदूषित होता है।
उन्होंने कहा कि पटाखों से आंखों में चोट लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसलिए पटाखों से बचाव बहुत जरूरी है। यदि बच्चे पटाखे चलाते हैं तो उन्हें बड़ों की देखरेख में ही चलाना चाहिए और हाथ में नहीं पकड़ना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। उन्होंने कहा कि दिवाली पर सिल्क और ढीले कपड़े न पहनें। बच्चे बिना बुझे पटाखों को फिर से चलाने की कोशिश करते हैं, जो कभी भी फट सकते हैं। इसलिए अनचले पटाखे चलाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अगर पटाखों से किसी की आंख में चोट लग जाए तो उसे रगड़ना या मलना नहीं चाहिए और तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार लोग पटाखे चलाते समय घायल होने के बाद घरेलू नुस्खे करने लगते हैं, जो गलत है। आंखें अनमोल है, जरा सी लापरवाही से क्यों रोशनी खोई जाए।
डॉ. पवन ने लोगों को त्योहार के दौरान शुद्ध घर का खाना, घर की बनी मिठाइयां और फल खाने और बाजार के भोजन, शराब और अन्य नशीली दवाओं से बचने की भी सलाह दी।


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