पटाखों और प्रदूषण रहित मनाएं ग्रीन दिवाली मनायें : डॉ. बैंस

 होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ.पवन कुमार के निर्देशानुसार और सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ.मनप्रीत सिंह बैंस की अध्यक्षता में आज सीएचसी हारटा बडला अस्पताल के ओपीडी परिसर में पटाखे मुक्त और ग्रीन दिवाली मनाने के लिए प्रेरित किया गया।
 समूह स्टाफ सहित डॉ.मनप्रीत सिंह बैंस ने दिवाली की शुभकामनाएं दीं और लोगों को प्रदूषण मुक्त ग्रीन दिवाली मनाने को कहा। उन्होंने कहा कि पटाखों से निकलने वाले धुएं से सांस, अस्थमा और त्वचा रोग जैसी कई बीमारियां होती हैं।सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों को दिवाली के दिन घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि पटाखों से निकलने वाले धुएं से सांस लेने में दिक्कत होती है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। इसके अलावा तेज आवाज वाले पटाखे हमारे कानों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने दिवाली के मौके पर आंखों का खास ख्याल रखने को कहा क्योंकि पटाखों से आंखों में चोट लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं इसलिए जितना हो सके पटाखे जलाने से बचना चाहिए ।उन्होंने कहा है कि अगर पटाखों से आंखों को चोट पहुंचती है तो आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। कई बार पटाखे चलाते समय चोट लगने पर लोग घर में घरेलू उपचार करने लगते हैं, जो कि गलत है, क्योकि थोड़ी सी लापरवाही के कारण चोट लगने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है।पटाखों से अगर आंखों में चोट लग जाये तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए । उन्होंने कहा कि दिवाली के खास मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई गयीं हैं।
दिवाली के शुभ अवसर पर विशेष सावधानी बरतने के संबंध में उन्होंने कहा कि यदि बच्चे पटाखे चलाते हैं तो उन्हें बड़ों की देखरेख में ही चलाएं ।पटाखे को हाथों में पकड़ कर कभी भी ना चलाएं । पटाखे हमेशा खुले में ही जलाने चाहिए। पटाखे चलाते समय प्राथमिक चिकित्सा किट के साथ एक बाल्टी पानी भी रखें । दिवाली अवसर पर रेशमी और ढीले कपड़े न पहनें । बच्चे बिना जले पटाखों को फिर से चलाने की कोशिश करते हैं, जो कभी भी फट सकते हैं। इसलिए बिना जले पटाखे जलाने से बचना चाहिए। अंत में उन्होंने सभी ब्लॉकनिवासियों को सुरक्षित दिवाली-ग्रीन दिवाली मनाने की अपील की।
इस अवसर पर मेडिकल ऑफिसर डॉ. कृतिका, डॉ. कुलवंत रॉय, डेंटल ऑफिसर डॉ.संदीप कुमार, फार्मेसी ऑफिसर बलकार चंद, एच.आई विशाल पुरी, गुरमेल सिंह, रणजीत सिंह, सतपाल, नवदीप सिंह, एल.एच.वी सुखविंदर कौर, देविंदरजीत कौर, नेत्र रोग विशेषज्ञ अधिकारी तरसेम लाल, एल.टी सुरिंदर कुमार, शरणजीतप्रीत कौर और अन्य स्टाफ उपस्थित थे।


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