होशियारपुर/ दलजीत अजनोहा
रयात बाहरा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों ने जल संरक्षण की जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से गांव नंगल शहीदां में नुक्कड़ नाटक और सर्वेक्षण का आयोजन किया। यह आयोजन डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. हरिंदर सिंह गिल के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांववासियों को जल प्रबंधन के प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी देना था।
इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से गांववासियों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में संदेश दिया गया। नाटक में जल संकट के संभावित खतरों और जल प्रबंधन की प्रभावी विधियों को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिससे ग्रामीणों को इस गंभीर मुद्दे पर सोचने के लिए प्रेरित किया गया। गांववासियों ने उत्साहपूर्वक इस नाटक को देखा और इसे एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान के रूप में सराहा।
इस दौरान, छात्रों ने गांव में जल उपयोग और प्रबंधन से संबंधित एक सर्वेक्षण भी किया। इस सर्वेक्षण के माध्यम से गांववासियों की जल उपयोग की आदतों, जल संरक्षण के प्रति उनके दृष्टिकोण, और जल संकट से निपटने के लिए उनकी भागीदारी के बारे में जानकारी जुटाई गई। सर्वेक्षण से प्राप्त परिणामों का उपयोग भविष्य की योजनाओं और गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
गांववासियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और जल संरक्षण के इस महत्वपूर्ण प्रयास का समर्थन किया।उन्होंने ने जल संकट के संभावित खतरों को समझा और जल संरक्षण के महत्व को अपनाने का संकल्प लिया। गांव वासियों ने इस अभियान को सफल बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रयात बाहरा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों ने जल संरक्षण की जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से गांव नंगल शहीदां में नुक्कड़ नाटक और सर्वेक्षण का आयोजन किया। यह आयोजन डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. हरिंदर सिंह गिल के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांववासियों को जल प्रबंधन के प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी देना था।
इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से गांववासियों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में संदेश दिया गया। नाटक में जल संकट के संभावित खतरों और जल प्रबंधन की प्रभावी विधियों को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिससे ग्रामीणों को इस गंभीर मुद्दे पर सोचने के लिए प्रेरित किया गया। गांववासियों ने उत्साहपूर्वक इस नाटक को देखा और इसे एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान के रूप में सराहा।
इस दौरान, छात्रों ने गांव में जल उपयोग और प्रबंधन से संबंधित एक सर्वेक्षण भी किया। इस सर्वेक्षण के माध्यम से गांववासियों की जल उपयोग की आदतों, जल संरक्षण के प्रति उनके दृष्टिकोण, और जल संकट से निपटने के लिए उनकी भागीदारी के बारे में जानकारी जुटाई गई। सर्वेक्षण से प्राप्त परिणामों का उपयोग भविष्य की योजनाओं और गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
गांववासियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और जल संरक्षण के इस महत्वपूर्ण प्रयास का समर्थन किया।उन्होंने ने जल संकट के संभावित खतरों को समझा और जल संरक्षण के महत्व को अपनाने का संकल्प लिया। गांव वासियों ने इस अभियान को सफल बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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