जिला एवं सत्र न्यायधीश की ओर से जिला कानूनी सेवाएं अथारटीज के सदस्यों के साथ बैठक - सड़क हादसों में मारे गए व्यक्तियों के आश्रितों को जल्द से जल्द डिपेंडेंट सर्टिफिकेट जारी करने की हिदायत की - लोगों को 14 दिसंबर को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाने की अपील की
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी दिलबाग सिंह जौहल ने आज जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के सदस्यों के साथ बैठक की। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस दौरान नालसा से संबंधित स्कीमों को सुचारु ढंग से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से दी जा रही निःशुल्क कानूनी सेवाओं की समीक्षा की व बताया कि जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से निःशुल्क कानूनी सहायता मुहैया करवाई जा रही है, जिसका जिला वासियों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।
जिला एवं सत्र न्यायधीश ने जिला प्रशासन को कहा कि सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्तियों के आश्रितों को जारी होने वाले डिपेंडेंट सर्टिफिकेट जल्द से जल्द जारी किए जाएं, ताकि कंपनसेशन टू विक्टम के अंतर्गत मृतक के आश्रितों को मिलने वाला दो लाख रुपए का मुआवजा समय पर मिल सकें। उन्होंने पुलिस को कहा कि दुर्घटना के किसी मामले यदि जिले की किसी अदालत में सजा होती है, तो 40 प्रतिशत से अधिक घायल के मामले में पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा देने का प्रावधान होता है। इस लिए इस तरह के मामलों में अदालत को कह कर उसको जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी को भेजा जाए ताकि पीड़ित व्यक्ति को कंपनसेशन टू विक्टिम के अंतर्गत मुआवजा दिलवाया जा सके।
जिला व सत्र न्यायधीश ने 14 दिसंबर को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक प्रचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला वासियों को अपील करते हुए कहा कि वे इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक केस लगाकर इसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि इससे समय व धन दोनों की बचत होती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के फैसले को दीवानी डिक्री की मान्यता होती है। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, एस.एस.पी सुरेंद्र लांबा, सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी राज पाल रावल, जेल सुपरीडेंट बी.एस. घुम्मण, अतिरिक्त जिला अटार्नी पवनप्रीत सिंह, एस.पी मनोज कुमार, सहायक लोक संपर्क अधिकारी लोकेश कुमार, आज्ञापाल सिंह साहनी, किरणप्रीत कौर धामी, दर्शन कौशल भी मौजूद थे।
जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी दिलबाग सिंह जौहल ने आज जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के सदस्यों के साथ बैठक की। जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस दौरान नालसा से संबंधित स्कीमों को सुचारु ढंग से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से दी जा रही निःशुल्क कानूनी सेवाओं की समीक्षा की व बताया कि जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से निःशुल्क कानूनी सहायता मुहैया करवाई जा रही है, जिसका जिला वासियों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।
जिला एवं सत्र न्यायधीश ने जिला प्रशासन को कहा कि सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्तियों के आश्रितों को जारी होने वाले डिपेंडेंट सर्टिफिकेट जल्द से जल्द जारी किए जाएं, ताकि कंपनसेशन टू विक्टम के अंतर्गत मृतक के आश्रितों को मिलने वाला दो लाख रुपए का मुआवजा समय पर मिल सकें। उन्होंने पुलिस को कहा कि दुर्घटना के किसी मामले यदि जिले की किसी अदालत में सजा होती है, तो 40 प्रतिशत से अधिक घायल के मामले में पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा देने का प्रावधान होता है। इस लिए इस तरह के मामलों में अदालत को कह कर उसको जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी को भेजा जाए ताकि पीड़ित व्यक्ति को कंपनसेशन टू विक्टिम के अंतर्गत मुआवजा दिलवाया जा सके।
जिला व सत्र न्यायधीश ने 14 दिसंबर को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक प्रचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला वासियों को अपील करते हुए कहा कि वे इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक केस लगाकर इसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि इससे समय व धन दोनों की बचत होती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के फैसले को दीवानी डिक्री की मान्यता होती है। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, एस.एस.पी सुरेंद्र लांबा, सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी राज पाल रावल, जेल सुपरीडेंट बी.एस. घुम्मण, अतिरिक्त जिला अटार्नी पवनप्रीत सिंह, एस.पी मनोज कुमार, सहायक लोक संपर्क अधिकारी लोकेश कुमार, आज्ञापाल सिंह साहनी, किरणप्रीत कौर धामी, दर्शन कौशल भी मौजूद थे।
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